सवाई माधोपुर 1 फरवरी। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है। माघ मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। इस बार इसका आरंभ 30 जनवरी गुरुवार से शुरू हुआ है। इसका समापन 7 फरवरी शुक्रवार को होगा।
आचार्य पंडित ताराचंद शास्त्री अध्यक्ष माँ कामाख्या ज्योतिष शोध संस्थान सवाई माधोपुर ने बताया कि गुप्त नवरात्रि हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। यह साल में दो बार मनाई जाती है। एक बार माघ माह में और फिर आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में। इसे गुप्त इसलिए कहा जाता है, क्योंकि इसमें साधक अपनी साधना, अनुष्ठान और पूजा गुप्त रूप से करते हैं। यह तांत्रिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
उन्होने बताया कि गुप्त नवरात्रि में राशिनुसार कुछ लाभकारी उपाय किये जा सकते हैं।
मेष राशि- पूरी नवरात्रि में देवी की उपासना लाल फूलों से करें नित्य प्रातः और सायं दुर्गा सप्तशती का पाठ करें. यथाशक्ति तिल और गुड़ का दान करते रहें। वृष राशि- पूरी नवरात्रि में देवी की उपासना सफ़ेद फूलो से करें. अधिक से अधिक मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करें. पीली वस्तुओं का नियमित दान करते रहें। मिथुन राशि- पूरी नवरात्रि में मध्य रात्रि की पूजा अवश्य करें अधिक से अधिक सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करें. लाल फल और मिठाई का दान करते रहें। कर्क राशि- पूरी नवरात्रि में दुर्गासप्तशती का पाठ अवश्य करें मुख्य रूप से माँ ललिता की पूजा करें. नियमित रूप से निर्धनों को हलवा पूरी का दान करें। सिंह राशि- पूरी नवरात्रि दुर्गा कवच का पाठ करें अधिक से अधिक माँ काली की उपासना करें. निर्धनों को नियमित रूप से वस्त्रों का दान करते रहे। कन्या राशि- पूरी नवरात्रि सूक्तम का पाठ करें अधिक से अधिक माता लक्ष्मी की उपासना करें. लाल फल, मिठाई और लाल वस्त्र का दान करें। तुला राशि- पूरी नवरात्रि कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें मध्य रात्रि में पूजा करने का प्रयास करें. पीले फल और पीली मिठाई का दान करें। वृश्चिक राशि- पूरी नवरात्रि महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र का पाठ करें खान पान को नियंत्रित और सात्विक रखने का प्रयास करें. अन्न और वस्त्र का यथाशक्ति दान करें। धनु राशि- पूरी नवरात्रि विन्धेश्वरी स्तोत्र का पाठ करें देवी की दोनों वेला पूजा पीले फूलों से करें. खान पान और जीवनचर्या सात्विक रखें। मकर राशि- पूरी नवरात्रि दुर्गा सप्तशती का पाठ करें देवी की दोनों वेला कपूर से आरती करें. निर्धनों को हलवा पूरी दान करें। कुंभ राशि- पूरी नवरात्रि रात्रि सूक्त का पाठ करें. मध्य रात्रि को पूजा करने का प्रयास करें निर्धनों में लाल फल का दान करें। मीन राशि- पूरी नवरात्रि कवच, कीलक और अर्गला का पाठ करें दोनों वेला देवी की उपासना करें. तिल और गुड़ का दान करना लाभकारी होगा।
शास्त्री ने बताया कि गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की विधिवत पूजा-पाठ के साथ कलश स्थापना करने का भी महत्व है। कलश स्थापना के साथ सुबह और संध्या पूजा के समय दुर्गा चालीसा अथवा दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करें। पूजा के दौरान माता को लोंग व बताशे का भोग चढाना चाहिए। इसके साथ कलश स्थापना करते समय मां को लाल पुष्प और चुनरी भी अर्पित करें।
देवी की शक्ति पूजा व्यक्ति को सभी संकटों से मुक्त करती है व विजय का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। गुप्त नवरात्र भी सामान्य नवरात्र की भांति दो बार आते हैं एक आषाढ़ माह में और दूसरे माघ माह में. इन नवरात्र के समय साधना और तंत्र की शक्तियों में इजाफा करने हेतु भक्त इसे करता है।
व्रती को इन नौ दिनों के उपवास में यह ध्यान रखना चाहिए कि फलाहार में गेहूं के आटे और नमक का इस्तेमाल वर्जित होता है। लेकिन इसके अलावा कुछ पोषक पदार्थ हैं जिन्हें आप व्रत के दौरान खा सकते हैं, जैसे साबूदाना, कुट्टू के आटे, और सिंघाड़े के आटे से बने व्यंजन।
गुप्त नवरात्रि में की गई साधना को बेहद प्रभावशाली माना जाता है. इस दौरान भक्तों को नियमित व्रत, मंत्र जाप और हवन करने की सलाह दी जाती है। माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में की गई भक्ति और साधना से न केवल मनोकामनाएं पूरी होती हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है।
2014 से लगातार पत्रकारिता कर रहे हैं। 2020 तक उन्होंने दैनिक समाचार पत्र राजस्थान खोज खबर में काम किया। 2021 से 2022 तक दैनिक भास्कर डिजिटल न्यूज और साधना न्यूज़ में। 2021 से अब तक वे आवाज आपकी न्यूज पोर्टल और गंगापुर हलचल (साप्ताहिक समाचार पत्र) में संपादक और पत्रकार हैं। साथ ही स्वतंत्र पत्रकार हैं।