कुशलगढ़|विद्या भारती संस्थान बांसवाडा द्वारा संचालित विद्या निकेतन बड़ोदिया के द्वारा शिक्षा में विद्या भारती की देन- पर जन गोष्ठी चोखला गांव में आयोजित की गई। ग्राम गोष्ठी में विद्या भारती चितौड प्रान्त के सचिव मानेग पटेल विभाग व जिला संस्कार केंद्र प्रमुख गोपाल राव एवं नरेश पाटीदार की उपस्थिति रही।समारोह की अध्यक्षता चोखला ग्राम पंचायत उप सरपंच व शिक्षाविद अक्षय राज पटेल ने की। मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित ककर समारोह की शुरुआत हुई।अतिथि स्वागत व विद्यालय गतिविधि का प्रोजेक्टर संचालित परिचय संस्था प्रधान सुरेश त्रिवेदी ने करवाया।विभिन्न सरकारी सेवाओं में लगे विद्यालय के 25 से अधिक पूर्व छात्र भैया बहिनों का संस्थान की ओर बहुमान किया गया। स्वागत उद्बोधन में शिक्षाविद विट्ठल पाटीदार ने कहा कि विद्या निकेतन में शिक्षा का धरातलीय स्वरूप देखने को मिलता हैं।विद्या भारती व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण की ओर अग्रेसित है जिसकी समाज मे मान्यता बढ़ रही है। इस अवसर पर पूर्व छात्र लविश पाटीदार हेमंत मोहित जिगर प्रियका पाटीदार ने अपने विचार व्यक्त करते हुए एक स्वर में सबने विद्या निकेतन की सर्वांगीण विकास की संकल्पना व कार्यपद्धति की सराहना की। उन्होंने कहा विद्या निकेतन में सीखे संस्कार व परिश्रम के स्वभाव ने हमे जीवन मे सफलता के शिखर तक पहुचाया। प्रान्त सचिव मानेग पटेल ने कहा कि विद्या भारती ने नोकरी देने या धन उपार्जन व अट्टालिकाएं खड़ी करने के लिए विद्यालय नही खोले है। विद्यालय संचालन में विद्या भारती की सोच अच्छे व सच्चे नागरिक तैयार करना है जिससे समाज व राष्ट्र सबल हो सके।विद्या निकेतन बालको में समय का समर्पण जगाती है।माँ व मातृ भूमि हमारे लिए श्रेष्ठ है यह भाव बालको में जगाने का कार्य विद्या भारती कर रही है।समाज मे बढ़ती अंग्रेजीत की मानसिकता ने समाज मे अनेकों विकृतियां पैदा की है।उन्होंने कहा कि किसी भी को भाषा सीखने व सिखाने में कोई परहेज नही है किंतु हिन्दी एक वैज्ञानिक व संस्कार को पुष्ट करती है अतः शिशु कक्षाओ में शिक्षण का माध्यम हिन्दी भाषा सर्वदा वैज्ञानिक है।समारोह के अध्यक्ष अक्षयराज ने कहा कि शिक्षा वही है जो संस्कार दे और यह मूल कार्य विद्या निकेतन के विद्यालयों में परिलक्षित होते है। संचालन महेंद्र चौहान ने किया व आभार हितेश शुक्ला ने माना।