पूरे वर्ष नाली में गंदा पानी भरा रहने से गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे ग्रामीण

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पूरे वर्ष नाली में गंदा पानी भरा रहने से गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे ग्रामीण

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सभा शिवराजपुर के ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते कई वर्षों से जल निकासी की समस्या के चलते ग्रामीणों की मांग और नेताओं की सिफारिश पर विभाग ने नाली निर्माण का कार्य कराया लेकिन कार्य योजना जिस तरह से बनाई गई है कि कार्य योजना जाहिलो से बदतर दिखाई पड़ रही है। सड़क के साइड में नालियां तो बना दी गई लेकिन नालियों का पानी बह कर कहां जाएगा इस पर जिम्मेदारों ने योजना नहीं बनाई जिससे नाली के पानी का बहाव नहीं हो रहा है और नाली में पानी भरा रहता है। नाली में गंदा पानी भरा रहने से दुर्गंध उठती है और बीमारियां फैल रही है आज तक गांव के अंदर बरसों से सफाई कर्मी का दर्शन नहीं हुआ है जबकि सरकारी वेतन उठा रहे हैं।लाखों-करोड़ों की सरकारी रकम खर्च करके नाली और सड़क बनाए जाने का नतीजा यह रहा कि गांव में जलभराव की समस्या जस की तस बनी रह गई है।नालियों और सड़क मरम्मत के बाद इतना जरूर हुआ है कि ठेकेदारों से सांठगांठ कर विभागीय अधिकारी सरकारी खजाना खाली करने में सफल हो गए हैं।लोगों के घरों के सामने नाली का गंदा पानी पूरे समय भरा रहता है मकानों में जल रिसाव शुरू हो गया जिससे किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता बार-बार लोगों ने विभागीय अधिकारी और ग्राम प्रधान से जल निकासी की व्यवस्था दुरुस्त कराए जाने की मांग की लेकिन जब कार्य योजना ही जाहिलो के स्तर से बनाई गई है तो कैसे समस्या का समाधान होगा। कहने के लिए तो गांव में नाली का निर्माण हुआ लेकिन पानी की निकासी व्यवस्था नहीं की गई इससे जगह-जगह पानी का जमावड़ा हो गया है। एक तरफ डिजिटल इंडिया का सपना देख रहे हैं दूसरी तरफ बरसात होते ही पूरा गांव नरक में तब्दील हो गया है। रास्ते में पानी भरे होने से लोगों को निकलने में दिक्कत हो रही है ,लेकिन सवाल यह उठता है कि गलत कार्य योजना बनाने वाले जिम्मेदारों के ऊपर शासन स्तर से कार्रवाई नहीं हो रही है जिससे विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है। ग्रामीणों ने विभागीय आला अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए गलत तरीके से कार्य योजना बनाने वाले जिम्मेदारों को निलंबित कर विभागीय जांच कराने की मांग की है।


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