ग्रामीणों ने प्रधानाचार्य कार्यकाल की की भूरि-भूरि प्रशंसा
नदबई-पंचायत समिति के बछामदी प्रधानाचार्य सुनील चतुर्वेदी का आज ग्रामीणों ने भव्य विदाई समारोह आयोजित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कप्तान महेंद्र सिंह ने की मुख्य अतिथि नवीन पाराशर रहे, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सतीश चतुर्वेदी, राजेश शर्मा, डॉ प्रदीप डागुर, हेमंत तमरोली,गौरव पथेना गोविंद गुप्ता,सौरभ फौजदार, जयप्रकाश , दिनेश भातरा,अमित चतुर्वेदी रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया इसके बाद ग्रामीणों की ओर से प्रधानाचार्य सुनील चतुर्वेदी का माला साफा चांदी का मुकुट एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। साथ ही साथ परिजनों पुत्र-पुत्री भाई दामाद सहित सभी का सम्मान किया गया। पधारे हुए अतिथियों का भी ग्रामीणों की ओर से एवं विद्यालय स्टाफ की ओर से सम्मान किया गया। इस मौके पर विद्यालय स्टाफ ने भी प्रधानाचार्य सुनील चतुर्वेदी का भव्य माला साफा एवं प्रतीक चिन्ह देकर सम्मान किया। प्रधानाचार्य चतुर्वेदी ने भी सभी स्टाफ को स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस अवसर पर बोलते हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कप्तान महेंद्र सिंह ने उनके साढे चार साल के कार्यकाल की भूरी भूरी प्रशंसा की। उनके कार्यकाल में भामाशाहों के सहयोग से लगभग 15 लाख के विकास कार्य हुए। हमेशा विद्यालय को विद्यालय नहीं अपना घर और परिवार समझा। उनका समर्पण एवं त्याग विद्यालय के लिए आज के परिपेक्ष में एक उदाहरण है। उन्होंने दिन-रात एक करके विद्यालय के भौतिक और शैक्षणिक परिवेश को हमेशा ऊंचाइयां प्रदान की। इस मौके पर विशेष रूप से प्रधानाचार्य सुनील चतुर्वेदी और अध्यापक ओमप्रकाश अत्यंत भावुक हो गए, सभी स्टाफ एवं छात्रों ने एवं ग्रामीणों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। ग्रामीण गाजे बाजे के साथ गांव की सीमा तक विदा करने गए। इस अवसर पर प्रधानाचार्य सुनील चतुर्वेदी ने अपने जीवन के संस्मरण याद करते हुए बच्चों को बताया कि एक किसान को रोटी किस प्रकार प्राप्त होती है। कितनी मेहनत करनी होती है और एक अध्यापक को भी एक किसान के समान रोटी तैयार करने के लिए मेहनत की जरूरत है। सभी अध्यापकों को प्रेरणा देते हुए अपनी ईमानदारी कर्तव्य निष्ठा एवं कार्य कुशलता के लिए प्रेरित किया। अंत में गांव की सीमा से बाहर छोड़ते समय ग्रामीण अत्यंत भावुक हो गए। इस मौके पर कप्तान महेंद्र सिंह,कैप्टन हरेंद्र सिंह, पंडित श्याम शरण शर्मा,शिशुपाल सिंह, प्रकाश सिंह,बृज बिहारी शर्मा, पूर्व सरपंच प्रभाव चौधरी, जगमोहन मीना, चंद्रभान मौके पर मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों और आयोजनकर्ताओं व ग्रामीणों का वृंदावन लाल शर्मा ने आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता भरत सिंह ने किया।