प्रयागराज। जहां एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार स्वच्छता अभियान पर जोर दे रही है दूसरी तरफ सफाई कर्मचारियों के प्रत्येक महीने वेतन दिए जाने के बाद गांव की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है।और उसके बाद सफाई कर्मचारियों पर अंकुश लगाने में जिला पंचायत राज अधिकारी पूरी तरह से असफल हो चुके हैं।जिले के 90 प्रतिशत गांव गंदगी से जूझ रहे हैं गलियों में गंदा पानी फैल रहा है कीचड़ गलियों में भरा है।लोगों को आने-जाने में दिक्कतों से जूझना पड़ता है लेकिन उसके बाद गांव की सफाई व्यवस्था करने का समय जिला पंचायत राज अधिकारी के पास शायद नहीं है जिससे गंदगी के बीच लोगों को गंगा दशहरा और बकरीद का त्योहार मनाना पड़ेगा।सरकार और उनके सांसद ,विधायक, मंत्री स्वच्छता अभियान पर बड़े-बड़े भाषण दे रहे हैं। नेताओं अफसरो को जानना होगा कि भाषण देने से सफाई नहीं होगी सफाई करने के लिए सफाई कर्मचारियों की गांव में ड्यूटी लगानी होगी। जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई वह सफाई कर रहे हैं या घर में मौज मस्ती कर रहे हैं।अधिकारियों को यह देखना होगा लेकिन सफाई कर्मचारियों की मनमानी के आगे अफसरो में रोक लगाने की हिम्मत नही है। सूत्रों की मानें तो अफसर के नीचे बैठने वाले सफाई कर्मचारियों से हिस्सा वसूली में मस्त हैं जिससे काम न करने वाले सफाई कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का साहस जिला पंचायत राज अधिकारी नहीं कर पा रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि जिले में सफाई कर्मचारियों के गांव क्षेत्र में तैनाती होने के बाद जिले के 90 प्रतिशत से अधिक गांव में गंदगी ब्याप्त है।हकीकत जानने के लिए जब शंकरगढ़ विकासखंड क्षेत्र के कई गांवों में साफ सफाई की स्थिति देखी गई तो मालूम चला कि गांव में तैनात सफाई कर्मचारी केवल उपस्थिति रजिस्टर में हस्ताक्षर करने आते हैं। जब गांव के लोग सफाई कर्मी को कहते हैं तो उनका कहना होता है की ब्लॉक के अफसरों ने ड्यूटी बाहर लगाई है। अकेले एक गांव में गंदगी नहीं है जिले के 90 प्रतिशत गांव गंदगी से बजबजा रहे हैं और अफसर नेता सांसद विधायक मंत्री सफाई अभियान पर बड़ा-बड़ा भाषण दे रहे हैं।