अशुद्ध खानपान के कारण समाज में हिंसा व अपराध-पंकज महाराज


अशुद्ध खानपान के कारण समाज में हिंसा व अपराध-पंकज महाराज

परमात्मा जीते जी मिलता है। उसे प्राप्त करने वाले सन्त महात्मा मिलना चाहिए। अशुद्ध खानपान की खराबी के कारण समाज में हिंसा अपराध व्याप्त है। महापुरूषों के सत्संग से विवेक जागृत होता है तब समझ में आता है कि जमीन जायदाद धन कुछ भी साथ नहीं जायेगा। थोड़ा सा समय प्रभु की याद के लिये निकालें। यह उद्गार जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा के अध्यक्ष पूज्य पंकज जी महाराज ने तहसील बनेड़ा के गांव सरदारनगर में आयोजित सत्संग समारोह में व्यक्त किया।

उन्होंने ‘‘सतयुग त्रेता द्वापर बीता, काहू न जानी शब्द की रीता। कलियुग में स्वामी दया विचारी, प्रगट करके शब्द पुकारी’’ पंक्तियों को उद्धृत करते हुये कहा कलियुग में सन्तजन सत्तदेश से पधारे। नर तन में यातनायें पा रही जीवात्माओं को शब्द-आकाशवाणी, ब्रह्यवाणी का रास्ता बताया। जिसके आधार पर वे उतारी गईं। इस पर प्रकाश डालते हुये उन्होंने कहा ‘‘उल्टा कुआं गगन में, तिसमें जरै चिराग, तिसमें जरै चिराग बिन रोगन बिनु बाती।’’ प्रभु के देश से आने वाली आकाशवाणी सबके अन्दर गुंजारमान हो रही है। इसे पकड़कर आप सदा के लिये जन्म मरण के बंधनों से मुक्त हो जायेंगे। यही समझाने, बताने सन्त सत्गुरू धरा धाम पर विचरण करते हैं। गृहस्थ आश्रम को सबसे अच्छा आश्रम बताया क्योंकि इस कलियुग में मनुष्य की उम्र घट गई, मन बहुत चन्चल हो गया, शारीरिक बल कम हो गया और प्राण अन्न में चला आया।
संस्थाध्यक्ष ने अपने प्रवचन में कहा हमारे गुरू महराज बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने लोगों को प्रभु के भजन भक्ति में लगाने व अच्छे समाज के निर्माण के लिये अपने जीवन काल में अथक परिश्रम किया, अपनी आध्यात्मिक शक्ति का सहारा देकर बीसों करोड़े लोगों को इसमें संलग्न किया। हम मानवता और आध्यात्मिक शक्ति के जागरण से सबको जीवन का सत्य सिखाकर ईश्वर की तरफ मोड़ने के प्रमुख लक्ष्य को लेकर निकले हैं, प्रेम और स्वेच्छा से दिल बदलेंगे। हम चाहते है वेशकीमती मनुष्य शरीर के पाने के महत्व को लोग समझें और गृहस्थ आश्रम के कार्यों को करते हुये थोड़ा सा समय निकाल कर भगवान का भजन भी करें। आत्मा की सारी शक्ति शरीर के नौ दरवाजों में फैली है। उसे केन्द्रित करके दसवें द्वार (भृकुटी बिलास) में लायेंगे तो गुरू की कृपा से आत्मा की शक्ति का बोध हो जायेगा।
सन्त पंकज जी ने जयगुरुदेव आश्रम मथुरा (उ0प्र0) में आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक आयोजित पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज ‘दादा गुरूजी’ के 75वें वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला पधारने का निमन्त्रण दिया। कहा, यहाँ वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां पर बुराईयाँ चढ़ाने पर मनोकामना पूरी होती है। सभी धर्म-मजहब के लोग यहाँ आते है। वहाँ पधारकर दया, दुआ, आशीर्वाद प्राप्त करें। संस्था द्वारा संचालित हजारों गोवंश की गोशाला, निःशुल्क विद्यालय, निःशुल्क भण्डारा (लंगर), निःशुल्क चिकित्सालय के संचालन व पीठे पानी की निःशुल्क आपूर्ति धर्मादा कार्यों के बारे भी बताया।
इस अवसर पर राजस्थान संगत के प्रान्तीय अध्यक्ष विष्णु कुमार सोनी, उपाध्यक्ष हरिनारायण गुर्जर ‘‘भोपा जी’’, राजेन्द्र सोनी, घनश्याम शर्मा (जहाजपुर), महंत रामदास जी, मोहन जाट सरपंच, सुगन जाट, सोहन माली, मूलचन्द वैष्णव, जमना कुमावत, श्रीप्रकाश माली, रामदेव गाडरी, कैलाश कुमावत, राजू लोहार, शंकर माली सहित संस्था के कई पदाधिकारी व प्रबन्ध समिति के सदस्य मौजूद रहे। शांति व सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन का सहयोग रहा। अगला सत्संग समारोह तह0 शाहपुरा के गांव दीकोला में कल (आज) सायं 3.30 बजे से आयोजित है। जिला प्रवक्ता अनिल कुमार सोनी ने निकटवर्ती जनों से सत्संग में भाग लेने की अपील की है।


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