सत्संग श्रवण से ही विवेक जागृत होता है : पंकज महाराज


सत्संग श्रवण से ही विवेक जागृत होता है : पंकज महाराज

शाहपुरा, मूलचन्द पेसवानी/ ‘‘सत्संग जल जो कोई पावे। मैलाई सब कट-कट जावे।’’ पंक्तियों को उद्धृत करते हुये सन्त पंकज जी महाराज ने आज यहां फूलिया तहसील के गांव कनेछन कला में आयोजित सत्संग समारोह में कहा सन्तों महात्माओं का सत्संग बड़े भाग्य से मिलता है। इसे सुनकर विवेक जागृत होता है और यह बोध होता है कि मनुष्य शरीर पाने का उद्देश्य क्या है। संत महात्मा का उपदेष सारी दुनियॉ के लोगों के लिये होता है। मनुश्य षरीर बेषकीमती है। इस षरीर में ईष्वर की अंष जीवात्मा दोनों ऑखों के मध्य भाग में बैठी हुयी है। वह चेतन अजर-अमर, अविनाषी है। षरीर जड़ है। मौत के बाद जीवात्मा के साथ जात-पात, मजहब नहीं जाता है। वहॉ प्रभु से मिलने का प्रेम और प्यार देखा जाता है। जातियॉ कर्म के अनुसार बनी है। ‘‘धनवंते सब ही दुःखी, निर्धन दुःख स्वरूप, साध सुखी सहजो कहे, पाया भेद अनूप।’’ को उद्धृत करते हुये उन्होंने बताया कि सौ वर्श पहले लोग झोपड़ियों में रहा करते थे, तो परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर भोजन करते थे। निष्चिन्त होकर सो जाया करते थे। गॉवों में मामूली वैद्य से सभी का इलाज हो जाया करता था। गॉवों में विवाद का समाधान आपस में बैठकर कर लिया करते थे। दस-बीस किलोमीटर के अन्दर लोगों का संसार हुआ करता था। उस समय भी महात्माओं ने दुनियॉ के लोगों को दुःखी बताया। आज लोग ऊँचे-ऊँचे महलों में रहते हैं। हवाई जहाज की यात्रा कर रहे। बड़े-बड़े अस्पताल बने हुये हैं फिर भी अस्पतालों में जगह नहीं है, मरीज बरामदें में पड़े रहते है। कचहरियों में इतनी भीड़ रहती है जैसे कोई धर्म स्थल हो। डाक्टर, वकील, जज, इंजीनियर किसी को फुर्सत नहीं, सभी के चेहरों पर चिन्ता की लकीरें दिखाई पड़ती है। इतना विकास होने के बाद भी महात्मा ने लोगों को दुःखी ही कहा। ऐसी तरक्की का क्या फायदा जहॉ कीमतें और कद्रे न रहें। ये तरक्की का कसूर नहीं है। मनुश्य को मषीन का मालिक बनना चाहिए था। सबको रोटी, कपड़ा और मकान मिलना चाहिए था। हिन्दू-मुसलमान, सिख-इसाई सभी को भाईचारे के साथ रहना चाहिए था। एक-दूसरे के काम आते। हम मषीनों के मालिक न बनकर पुर्जे बन गये। सन्तों-महात्माओं ने बताया कि नाषवान क्षणिक पदार्थों से कभी सुख षान्ति नहीं मिल सकती। सुखी वही है जिसने महात्मा का संग करके अपने मन को दुनियॉ से निकालकर प्रभु के भजन में लगा दिया।

यह भी पढ़ें :  जय गुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज महाराज 9को जहाजपुर में

उन्होंने कहा ये नयी-नयी बीमारियों का कारण अषुद्ध खानपान, खेती में कीटनाषकों और रासायनिक खादों का प्रयोग है। मेलंे में बच्चा जब तक पिता की ऊंगली पकड़े रहता है वह मेले के सामानों को देखकर खुष होता है। लेकिन ऊंगली छूट जाने पर मेले के वहीं सामान उसको सुख नहीं देते है। वह रोता हुआ घूमता रहता है। इसी प्रकार संसार के सामानों से सुख तब मिलेगा, जब तक हम अपने गुरू की ऊंगली पकड़े रहेगे। हमारे गुरू महाराज परम सन्त बाबा जयगुरुदेव जी महाराज ने आत्म व जीव कल्याण के लिये अथक परिश्रम किया। करोड़ों लोगों का जीवन बदल कर प्रभु की भक्ति में लगाया। हम उनके द्वारा चलाये गये अच्छे समाज के निर्माण व भगवान की भक्ति में संलग्न करने के अभियान में निकले हैं। हम सबसे अपील करते हैं कि षाकाहार अपनायें, षराब व अन्य नषों को त्यागें। ऑखों में मॉ-बहन, बेटी की पहचान लाये तभी हमारा समाज अच्छा चलेगा।
महाराज जी ने जयगुरुदेव आश्रम मथुरा (उ0प्र0) में आगामी 20 से 24 दिसम्बर तक आयोजित पूज्यपाद स्वामी घूरेलाल जी महाराज ‘दादा गुरूजी’ के 75वें वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला पधारने का निमन्त्रण दिया। कहा, यहाँ वरदानी जयगुरुदेव मन्दिर बना है जहां पर बुराईयाँ चढ़ाने पर मनोकामना पूरी होती है। सभी धर्म-मजहब के लोग यहाँ आते है। वहाँ पधारकर दया, दुआ, आशीर्वाद प्राप्त करें। संस्था द्वारा संचालित हजारों गोवंश की गोशाला, निःशुल्क विद्यालय, निःशुल्क भण्डारा (लंगर), निःशुल्क चिकित्सालय के संचालन व पीठे पानी की निःशुल्क आपूर्ति धर्मादा कार्यों के बारे भी बताया।
संगत जिला भीलवाड़ा के जिला प्रवक्ता अनिल कुमार सोनी ने बताया कि कनेछन गांव में जन जागरण यात्रा के स्वागत में माताओं, बहनों, बच्चियों ने कलश यात्रा निकाली। मंच पर राजस्थान संगत के उपाध्यक्ष हरिनारायण गुर्जर ‘‘भोपा जी’’, घनश्याम शर्मा (जहाजपुर), छोटू जी गुर्जर सरपंच, आत्माराम तेली, सुगन जी जाट, सीतारामजी खटीक, परमेश्वर जी पाण्डिया, प्रभु जी खटीक, दलीचन्द, पीसु जी वैरवा, श्रीमती बालीबाई गुर्जर, देवा जी भील, रामजी खटीक, परमेश्वर जी खटीक ने पुष्पहार भेंटकर पूज्य महाराज जी का स्वागत किया और कार्यक्रम में मौजूद रहे। शांति व सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया।
अगला सत्संग कार्यक्रम कल (आज) तह. शाहपुरा के गांव दांतड़ा में सायं 3.30 बजे से आयोजित है।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now