कुशलगढ़|नोडल विद्यालय राउमावि कुशलगढ़ में स्वामी विवेकानंद जयंती को युवा दिवस करियर डे के रूप में धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कार्यक्रम कि अध्यक्षता कर रहे भीमजी सुरावत विशिष्ट अतिथि मांगीलाल वसुनिया,सुभाष गरासिया के द्वारा स्वामी जी की तस्वीर पर माल्यार्पण के साथ शुरू हुआ। इस अवसर पर संगीता नायक व्याख्याता ने स्वामी जी के जीवन से जुड़ी हुई घटनाओं का जिक्र करते हुए बच्चों का मार्गदर्शन किया। दिव्यांशु जैन व्याख्याता रसायन विज्ञान ने बच्चों के करियर को लेकर सबका मार्गदर्शन किया। उन्होंने कहा की एक ही सत्र में दो डिग्री ले सकते हैं एक रेगुलर तथा दूसरी प्राइवेट। हालात परिस्थिति के अनुसार यह निर्णय करते हुए डिप्लोमा करना चाहिए ताकि वर्तमान में जिन नौकरियों में भरमार है उसमें जा सके। ऐसे डिप्लोमा जिसमें वर्तमान में जोब की ज्यादा संभावना हो उसके बारे में बच्चों को विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर विद्यालय प्रभारी लाल सिंह मईडा ने स्वामी जी के जीवन की घटनाएं को मध्य नजर रखते हुए वर्तमान परिपेक्ष में हमें सीख लेने की जरूरत है उनके आदर्शों को अपनाने की जरूरत है। स्वामी जी ने विश्व को एक आध्यात्मिक ज्ञान देते हुए भारत का परचम लहराया था उस छवि को सब मिलकर बनाए रखें और विश्व वसुदेव कुटुं बकम की भावना सार्थक करने वाले भारत के आदर्श को बनाएं रखने में अपनी महती भूमिका निभावे। बच्चों के करियर को लेकर आईटीआई पर जोर देते हुए ज्यादा से ज्यादा बच्चों को यह डिप्लोमा करना चाहिए ताकि निकट भविष्य में बांसवाड़ा में निर्माण अधीन परमाणु बिजली घर में आने वाले समय में 22000 कार्मिकों की जरूरत पड़ेगी तो जो अच्छे टेक्नीशियन होंगे डिप्लोमा धारी होंगे वही लगेंगे उन्होंने बच्चों को आईटीआई, आईआईटी इंजीनियर करने के लिए मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मांगीलाल वसुनिया ने कृषि क्षेत्र तथा पशुपालन पर अपना भविष्य निर्माण कैसे करें उसके टेक्निक्स और आधारभूत नियम के बारे में जानकारी देते हुए बच्चों का मार्गदर्शन किया। विशिष्ट अतिथि सुभाष गरासिया ने स्वामी जी की घटनाओं को सुनाते हुए जीवन में पूरे मनोयोग से पढ़ना चाहिए तैयारी करनी चाहिए तभी लक्ष्य की पूर्ति होगी खाली डिग्रियां लेकर के बड़ी-बड़ी बातें करने से कुछ नहीं होना जाना है। जीवन में सीरियस होना पड़ेगा तो ही अच्छा करियर बन सकता है। छात्रों में से प्रवीण मावी ने वर्तमान परिपेक्ष में अपनी बात रखी। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे भीमजी सुरावतने जीवन में कड़ी मेहनत, लगन से ही लक्ष्य की पूर्ति हो सकती है,उन्होंने अवसर पर कहा की एक आलोचना करने वाला व्यक्ति जीवन में जरूर होना चाहिए जिसके टोन से व्यक्ति जीवन में कुछ कर गुजरने के लिए तैयार हो जाता है। स्वामी विवेकानंद जी का ध्याय वाक्य- उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की पूर्ति न हो जाए उसका सार समझते हुए सभी बच्चों को जीवन में अच्छा करियर कैसे बना सकते हैं उस पर मार्गदर्शन किया। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त स्टाफ साथी,स्टाफ बहने, छात्र संसद के सदस्य एवं सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार नवनीत जोशीने किया।