जीवन से जुड़ा है जल व जंगल जल संरक्षण और वन संरक्षण के बिना जीवन अधूरा : कामता सिंह

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जीवन से जुड़ा है जल व जंगल जल संरक्षण और वन संरक्षण के बिना जीवन अधूरा : कामता सिंह

प्रयागराज। जलवायु परिवर्तन के खतरों के मद्देनजर अर्थव्यवस्था एवं प्राकृतिक संसाधनों के बीच निकट संबंध को पहचानते हुए देश के प्राकृतिक जैविक संसाधनों के विस्तारण प्रकार एवं गुणवत्ता को खतरे से बचाने का प्रयास निरंतर भारत सरकार के द्वारा किया जा रहा है उसी क्रम में जानकारी देते हुए ग्राम प्रधान गाढ़ा कटरा ने बताया कि सक्षम अधिकारियों के द्वारा किया गया एक छोटा सा अनूठा प्रयास पठारी क्षेत्र में भी देखने को मिल रहा है आज अपनी जिम्मेदारी को भूल जाने के कारण हमारी धरती की दशा दयनीय है जिससे वर्तमान समय में जल भूमि वायु प्रदूषण अहम रूप से हमारे सामने है यदि इसी प्रकार से धरती का दोहन होता रहा तो रहने योग्य यह पृथ्वी नहीं रहेगी। जल और वन की सुरक्षा बहुत जरूरी है अफसोस है कि ईश्वर की दी हुई प्रकृति की सुरक्षा आज मानव नहीं कर रहा है पर्यावरण रक्षा के लिए पूरी तरह गंभीर होना होगा। इसी कड़ी में ग्राम विकास अधिकारी राजेंद्र कुमार मौर्य ने कहा कि जल व जंगल का नाता जीवन से जुड़ा हुआ है इसे बचाना हर किसी की जिम्मेदारी है केवल सरकार के भरोसे इसे नहीं किया जा सकता जल ,जीवन ,हरियाली मिशन तभी सफल होगा जब लोग अपने दायित्व के प्रति जागरूक होंगे।
बताते चलें कि जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत गाढ़ा कटरा में मियावाकी तकनीक, ग्रीन इंडिया फाउंडेशन के तहत 20हजार वृक्ष रोपित किए गए हैं जब कि पठारी क्षेत्र होने पर भी सिंचाई की समुचित व्यवस्था व देखरेख की बदौलत आज भी लगभग 18 हजार वृक्ष लहलहा रहे हैं। आगे जानकारी देते हुए ग्राम प्रधान कामता सिंह ने बताया कि जिले से लेकर ब्लॉक तक के सक्षम अधिकारियों के कुशल मार्गदर्शन और सहयोग से मनरेगा के तहत लगाए गए वृक्ष इस बात का गवाह है कि जीवन से जुड़ा है जल व जंगल जल संरक्षण और वन संरक्षण के बिना जीवन अधूरा है। सक्षम अधिकारियों के मार्गदर्शन से पार्ट 2 का निर्माण कार्य जारी है जल्द ही इतने वृक्ष और रोपित किए जाएंगे।


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