भरतपुर से सटे करौली जिले में स्थित पूर्वी राजस्थान के सबसे बड़े बांध पांचना बांध के कैचमेंट एरिया में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते यह बांध एक बार फिर से ओवरफ्लो हो जाने पर रविवार को फिर से इस बांध के छः गेटों को खोलकर उनसे 27 हजार क्यूसेक प्रति सेकंड की स्पीड से पानी की निकासी कर यह पानी गंभीर नदी में छोड़ा जा रहा है। हालांकि रविवार को दिन में कुछ घंटे के लिए इस बांध के यह 6 गेट 5 फीट तक खोलकर उनसे 35 हजार क्यूसेक प्रति सेकंड की स्पीड से भी पानी की निकासी की गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक क्यूसेक में करीब 29 लीटर पानी होता बताया है। यह बांध पांच नदियों के संगम पर बना हुआ है । इसलिए इसे पांचना बांध कहा गया है। बयाना, हिण्डोन व करौली क्षेत्र मैं कई दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते और अब पांचना बंध से गंभीर नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद बयाना रूपवास ,उच्चैन ,भरतपुर ,रुदावल हिंडौन आदि क्षेत्रों में पुलिस व प्रशासन सहित सभी विभागों की ओर से विशेष सतर्कता बरती जा रही है। बताया गया है कि इस बार गंभीर नदी में बांध का यह पानी जलजले अर्थात बाढ़ की भांति आ सकता है। और कई इलाकों में तबाही भी मचा सकता है।
यह गंभीर नदी पांचना बांध से श्री महावीरजी, हिंडौन व बयाना होते हुए उच्चैन ,सेवला हैड ,खानवा व रूपवास होते हुए उत्तर प्रदेश को निकल जाती है। वहीं सेवला हैड से इस नदी का पानी वहां बनी एक नहर के जरिए विश्व प्रसिद्ध केवलादेव घना उद्यान को भी छोड़ा जाता है। चूंकि इस बार कई दिनों में इस बांध के गेटों को खोलकर काफी मात्रा में गंभीर नदी में पानी छोड़ा जा रहा है। जिससे देखते हुए बयाना , उच्चैन ,रूपवास व भरतपुर का प्रशासन एवं पुलिस सहित सभी विभाग अलर्ट मोड पर हैं। गंभीर नदी के तटीय इलाके के सभी गांवों के ग्रामीणों को भी अपने आवश्यक साजो समान व खाद्य सामग्री एवं पशुधन सहित बहाव क्षेत्र से दूर ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा गया है। आपको बता दें इससे पहले भी बीते सप्ताह में इस बांध के गेट खोलकर गंभीर नदी में पानी छोड़ा गया था जो बयाना के ब्रह्मवाद पुल को पार कर सका है। यहां आज नदी के पानी का स्तर करीब 3 से 4 फीट बताया है। वहां पर भी पानी की आज काफी कम स्पीड बताई । किंतु अब छह गेट खोले जाने और 27 हजार क्यूसेक प्रति सेकंड की स्पीड से पानी छोड़े जाने के बाद यह पानी सोमवार को बयाना पहुंचने की संभावना बताई है ।और काफी तेज स्पीड से गंभीर नदी में यह पानी आएगा। या यूं कहें कि कई दशकों बाद इस बार गंभीर नदी में पानी का जलजला देखने को मिलेगा। बारिश से ग्वाल खो धाम, इमलिया कुंड, दर्र बराहना, शेरगढ आदि प्राकृतिक पहाड़ी झरनों की खूबसूरती निखर आई है। झरनों में नहाने का लुत्फ उठाने के लिए बड़ी संख्या में युवाओं की टोलियां पहुंच रही है।