गांवों में घुसा कुकंद नदी का पानी,आधा दर्जन गांव हुए प्रभावित, बारैठा बांध से कुकंद नदी में छोड़ा जा रहा है पानी

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बयाना 08 सितम्बर।डांग के बीहड़ों में कई दिनों से लगातार बारिश के बाद अब बयाना उपखंड स्थित भरतपुर जिले के सबसे बड़े बांध बंध बारैठा बांध में भी लगातार पानी की आवक बढ़ने से यह बांध लबालब होने के बाद अब इस बांध के गेटों को खोलकर दो दिनों से लगातार ओवरफ्लो पानी की निकासी की जा रही है। यह पानी कुकंद नदी में छोड़ा जा रहा है। जिससे अब गंभीर नदी की भांति कुकंद नदी भी उफान मार रही है।

कुकुंद नदी का पानी ओवरफ्लो होकर अब इस नदी के बहाव क्षेत्र के गांवों में घुस गया है। इससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुकुंद नदी का यह पानी गांवों में घुसने के अलावा घरों में भी घुसने लगा है और रास्ते भी अवरुद्ध हो गए हैं । जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता दशरथ सिंह गुर्जर ने बताया कि बांध में पानी की जोरदार आवक होने से जल स्तर 29 भराव क्षमता को भी पार कर गया था। इससे तीन गेट खोलकर पहले 3000 क्यूसेक प्रति सेकंड की स्पीड से और अब में 2250 क्यूसेक प्रति सेकंड की स्पीड से पानी की निकासी की जा रही है। हालांकि रविवार को बांध का गेज 28.50 फुट आने पर एक गेट को फिलहाल बंद कर दिया गया है। भरतपुर के जिला कलेक्टर डॉ अमित यादव और बयाना एसडीएम राजीव शर्मा ने भी मौके पर पहुंचकर बांध में भरे पानी और निकासी की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने फील्ड के कर्मचारियों को लगातार सक्रिय रहकर बरसाती पानी के भराव व बहाव क्षेत्र के लोगों को अलर्ट करने और आपदा की स्थिति में तुरंत मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बार बांध पूरा भर जाने से किसानों को सिंचाई के लिए और भरतपुर शहर को पेयजल के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा। उधर गांव पुराबाई खेड़ा व नंदी गांव के ग्रामीणों ने बताया कि बांध से छोड़े गए पानी से कुकुन्द नदी ओवरफ्लो होने से कई गांवों के रास्तों में 3-4 फीट और कुछ घरों में भी नदी का पानी भर गया है। इससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गांव की सपाट पर भी तीन-चार फुट पानी की रपट चल रही है। इससे आवागमन बाधित हो गया है। इसके अलावा नदी का पानी खेतों में घुस गया है। इनसे सैंकड़ों बीघा में ज्वार,बाजरे की फसल में नुकसान पहुंचा है। इधर किसान यूनियन नेता व लोकदल के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र सिंह कंसाना ने बांधों का पानी केवल किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए रिजर्व करने और भारी बारिश व नदी और बांध के पानी से खराब हुई फसलों के पीड़ित किसानों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है।


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