WCREU का ऐलान, रेलवे में निजीकरण नहीं होने देंगे

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आठवां पे कमीशन गठित कराएंगे, यूपीएस को ओपीएस से बेहतर बनाएंगे: का. गालव

गंगापुर सिटी. वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि आगामी 04, 05 व 06 दिसम्बर को भारतीय रेल में ट्रेड यूनियन की मान्यता के चुनाव होना है और इस चुनावी दौर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कॉमरेड मुकेश गालव ने बताया कि एनपीएस की जगह ओपीएस के लिए जो संघर्ष एआईआरएफ/डबलूसीआरईयू ने शुरू किया था, उसके परिणामस्वरूप यूपीएस के रूप में सफलता मिली है, लेकिन लाभ ओपीएस की तरह मिलने से बचा है, जिसमें ओपीएस में पीएफ की राशि जो कर्मचारी के मासिक वेतन से सेवानिवृति तक काट कर पीएफ खाते में कराया जाता था, जिसका भुगतान कर्मचारी को सेवानिवृति पर प्रभावी ब्याज सहित भुगतान कर दिया जाता था, परन्तु यह प्रावधान वर्तमान यूपीएस में नहीं है.

जिसके लिये डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ यूपीएस में जमा राशि को कर्मचारी की सेवानिवृति के समय ब्याज सहित भुगतान करवाने के लिये संघर्ष कर रही है. जिसको निश्चित रूप से सरकार से लड़ाई लड़ कर प्राप्त कर लिया जायेगा. तब तक डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ का संघर्ष यूपीएस को ओपीएस से भी बेहतर बनाने तक जारी रहेगा.

इसी प्रकार आठवे वेतन आयोग का गठन करवाने के लिये डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ पुरजोर तरीके से सरकार पर दबाव बनाये हुए है. डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ सही समय पर रेलकर्मचारियों को आठवां वेतन आयोग दिलवाने के लिये पुरजोर प्रयास कर रही है, जिससे रेलकर्मचारियों के वेतन व पदोन्नति के अवसरों में वृद्धि होगी. साथ ही रेलवे में हो निजीकरण के विरूद्ध भी डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ भरपूर विरोध कर रही है. किसी भी सूरत में रेलवे में निजीकरण नहीं होने दिया जायेगा.

कॉमरेड मुकेश गालव ने कहा कि रेल कर्मचारियों की लंबित मांगों जैसे ओ पी एस में मिलने वाली सभी सुविधाएं दिलवाना, रेल का निजीकरण रोकना, 18 माह का बकाया डी ए का भुगतान, 8 वा वेतन आयोग, ट्रैक पर काम करने वाली सभी कैटेगरी को हार्ड शिप एवं रिस्क एलाउंस, एलडीसीई ओपन टू ऑल, सभी कर्मचारियों के लिये 4600 ग्रेड पे तक पदोन्नति के अवसर खोलना, एमएसीपीएस 10,20,30 के स्थान पर 8,16,24,32 करवाना, एमएसीपीएस की पदोन्नति गुड एपीएआर के आधार पर करवाना, महिलाओं को मिलने वाले 20 प्रतिशत काटी गई चाईल्ड केयर लीव पुन: बहाल करवाना, वर्कशॉप में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिये बढ़ाये गये लॉट के आधार पर इंसेंटिव दर बढ़वाना, सभी ग्रु सी एवं डी कर्मचारियों को बिना सीलिंग लिमिट के नाईट डयूटी एवं एनएच का भुगतान करवाना, पोस्ट सरेण्डर बन्द करवाया तथा क्रियेशन से बैन हटवाना, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग कमेटी की सिफारिशों को अन्तिम रूप देकर लागू करवाना आदि मांगो की पूर्ति तक यूनियन और फेडरेशन का संघर्ष जारी रहेगा.

उन्होंने कहा कि 100 साल के उपलब्धि भरे इतिहास के कारण रेल कर्मचारियों का विश्वास सबसे ज्यादा लाल झण्डे की यूनियन पर है और यही विश्वास यूनियन की सबसे बड़ी ताकत है, जो देश की इस एकमात्र गैर राजनीतिक यूनियन को रेल कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने का लगातार अवसर प्रदान कर रही है.


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