जेनेवा के ILO के सम्मेलन में WCREU महामंत्री मुकेश गालव ने भारत का पक्ष मुखरता से रखा, सिद्धू बने वाइस प्रेसीडेंट

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जेनेवा के ILO के सम्मेलन में WCREU महामंत्री मुकेश गालव ने भारत का पक्ष मुखरता से रखा, सिद्धू बने वाइस प्रेसीडेंट

गंगापुर सिटी 10 जून|अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के 111वें सत्र में हिन्द मजदूर सभा के राष्ट्रीय सचिव एवं वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के महामंत्री कॉमरेड मुकेश गालव ने स्विटजरलैंड के जेनेवा में भारत के मजदूरों का मुखरता से पक्ष रखते हुए समस्याएं तो बताई हीं, साथ ही उसके निराकरण को भी तार्किक ढंग से प्रस्तुत किया, जिसकी दुनिया भर से आये लेबर क्षेत्र के संगठनों के पदाधिकारियों व अफसरों ने काफी गंभीरता से सुना व उनके तर्कों को अपना समर्थन दिया.

वेस्ट सेंट्रल रेलवे एंप्लाइज यूनियन की मंडल उपाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी नरेंद्र जैन ने बताया कि इस सम्मेलन में दुनिया भर से आये प्रतिनिधियों के साथ काफी सकारात्मक संवादों का आदान-प्रदान हुआ. जिसका लाभ भविष्य में मजदूरों के कल्याण के लिए सरकार द्वारा बनाई जाने वाली योजनाओं में लाभप्रद साबित होगा.

एचएमएस के महामंत्री सिद्धू कामनवेल्थ ट्रेड यूनियन ग्रुप के उपाध्यक्ष निर्वाचित

एचएमएस के राष्ट्रीय सचिव काम. मुकेश गालव ने बताया कि इस सम्मेलन के दौरान आज 9 जून को आईएलओ मुख्यालय जेनेवा में पदाधिकारियों का चुनाव हुआ, जिसमें भारत के लिए काफी गर्व का क्षण रहा कि हिन्द मजदूर सभा (एचएमएस) के राष्ट्रीय महामंत्री का. हरभजन सिंह सिद्धू को कॉमनवेल्थ ट्रेड यूनियन ग्रुप का वाइस प्रेसिडेंट निर्वाचित किया गया.

उल्लेखनीय है कि पूरे विश्व के 173 देशों के त्रिपक्षीय प्रतिनिधि (सरकार, उद्योगपति एवं श्रम संगठनों) इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं. यह प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय श्रम मंत्री भारत सरकार के नेतृत्व में भाग लेने जेनेवा पहुंचा हुआ है.. इस सम्मेलन में श्रम कानून, श्रमिकों की बेहतर स्थिति, उत्कृष्ट कार्य, लैंगिक समानता एवं श्रमिकों के बेहतर स्वास्थ्य एवं सुरक्षा जैसे अनेक महत्वपूर्ण मुद्दों पर संयुक्त रूप से सरकार, उद्योगपति एवं श्रम संगठनों के प्रतिनिधि अपने अपने दृष्टिकोण से सर्वसम्मति बनाकर रिकमंडेशन एवं कन्वेंशन पारित होती है. जिसको नैतिकता के आधार पर समस्त सदस्य देश अपने अपने देशों में लागू करते है. इसके अतिरिक्त पूर्व में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में पारित कन्वेंशन का जिन जिन देशों में उल्लंघन होता है. ऐसी परिस्थिति में संबंधित देशों पर निरीक्षण कार्यवाही पर भी वार्ता कर समुचित निर्देश पारित किये जाते हैं.


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