संसार का उपकार करना ही सनातन वैदिक विश्व धर्म जिसमें “पर” में भी “स्व” का वोध कराने की शक्ति-” यश”
जयपुर, आर्य समाज जयपुर दक्षिण का साप्ताहिक अधिवेशन मानसरोवर के ओउमानंदम् में सम्पन्न हुआ जिसमें यज्ञ भजनों के बाद सनातन धर्म पर वैदिक चिंतक यशपाल यश ने प़काश डाला।
यश ने कहा कि संसार का उपकार सभी की शारीरिक मानसिक आत्मिक उन्नति करना ही सत्य सनातन वैदिक विश्व धर्म है जिसमें व्यक्ति को ” पर” में भी ” स्व ” वोध की शक्ति मिलती है।यश ने कहा कि धर्म निरपेक्षता के नाम पर धर्म शून्यता या धर्म के विकृत अंधविश्वास मनुष्यों को पशु पिशाच और राक्षस वना रहे हैं। यश ने कहा कि ईश्वर के सर्व व्यापक सत्य स्वरूप वाले अध्यात्म रहित भौतिक विकास की शिक्षा ने ज्ञाननेत्रों पर स्वार्थ मोह का पर्दा डालकर अभक्ष्य असदाचार पनपाया जिससे नयी पीढ़ी धर्म और विवाह जैसी संस्था से दूर हो रही है।
यज्ञ में मुख्य यजमान पवन आर्य एवं श्रीमति वंदना आर्य रहे।प़ोफेसर एच सी एल गुप्ता इं महेंद्र सिंह धाकड श्रीमति मधु रानी ने भजन प्रस्तुत किए। संचालन मंत्री श्याम सुंदर अग़बाल ने किया। शांति पाठ के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
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