लक्ष्मण मंदिर पर आयोजित हो रही श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में सुनाया कृष्ण जन्म कथा का वृतांत
डीग 8 मार्च| शहर के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर पर आयोजित हो रही श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के चतुर्थ दिन व्यास पीठ पर विराजमान भागवत प्रवक्ता पूज्य पंडित मुरारी लाल पाराशर ने भक्त ध्रुव,भक्त प्रह्लाद,भगवान वामन अवतार, गजेन्द्र मोक्ष, समुद्र मंथन की कथा का वृत्तांत सुनाया।
व्यासपीठ पर विराजमान भागवत प्रवक्ता पंडित पाराशर ने भक्त प्रह्लाद की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि भक्त प्रह्लाद की अटूट भक्ति और उनके पिता हिरण्यकशिपु के अहंकार के विषय में बताया।
उन्होंने कहा कि जब एक सच्चा भक्त प्रभु के प्रति पूर्ण समर्पण करता है, तो स्वयं नारायण उसकी रक्षा करते हैं। हिरण्यकशिपु के अत्याचारों के बावजूद प्रह्लाद अपनी भक्ति से विचलित नहीं हुए, और अंततः भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप धारण कर अधर्म का अंत किया।
पाराशर ने गजेंद्र मोक्ष की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि हाथी गजेंद्र के अहंकार और फिर उसकी प्रभु भक्ति का उल्लेख बताया।
उन्होंने कहा कि संकट के समय जब गजेंद्र ने अपनी शक्ति से संघर्ष किया, तो वह असफल रहा, लेकिन जैसे ही उसने भगवान को पुकारा, श्रीहरि तुरंत उसकी रक्षा के लिए प्रकट हुए। यह कथा समर्पण और श्रद्धा के महत्व को दर्शाती है।
भागवत प्रवक्ता पूज्य पंडित मुरारी लाल पाराशर ने कृष्ण जन्म की कथा प्रसंग सुनाया।
उन्होंने कहा कि भगवान के धरती पर आने का क्या कारण है ।जब पृथ्वी लोक पर पाप बढ़ जाते हैं। तब भगवान धर्म और धारा की रक्षा के लिए अवतरित होते हैं। वह भक्तों के जीवनबल्लभ हैं।
इस दौरान जैसे ही भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ तो समूंचे पांडाल में बधाई गायन शुरु हो गया।और महिलाएं नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की भजन गाते हुए उन पर नृत्य करती हुई नजर आई।
इस अवसर पर भारत भूषण पाराशर, शिवलहरी मुद्गल,पुष्पा झालानी, हरिओम पाराशर,गोकुल झालानी सहित बड़ी संख्या में भक्त उपस्थित थे।