पांच साल में बढ़ी प्रधानों की अकूत संपत्तियों की कब होगी जांच?


कब खंगाली जाएगी प्रधानों की कुंडली पूछती है गांव की जनता

प्रयागराज। सूबे में पंचायत चुनाव का समय नजदीक आ रहा है इन पांच सालों में केंद्रीय और प्रदेशीय सरकार की योजनाओं पर कितना अमल हुआ इसके लिए कवायद कब शुरू होगी। केंद्र और प्रदेश सरकार से पंचायत को मिलने वाली धनराशि कहां कितनी खपाई गई और जमीनी हकीकत क्या है इसके लिए जिले में टास्क फोर्स के गठन के लिए प्रक्रिया कब शुरू होगी पूछती है गांव की जनता। प्रधानों की आय से अधिक संपत्तियों की जांच के लिए तैयारी कब निर्देशित की जाएगी। प्रधानी के बलबूते ठसक जमाने वाले प्रधानों के लिए आगामी पंचायत चुनाव से पहले प्रधानों की संपत्तियों की जांच की कवायद शुरू भी नहीं हुई और चुनाव फिर आने वाला है। 5 साल पहले और अब प्रधानों की दौलत में कितना और कैसे इजाफा हुआ इसकी जांच की प्रक्रिया कब शुरू होगी। इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से सूबे की सरकार को गाइडलाइन कब जारी करने की तैयारी है। ऐसे में पूछती है गांव की जनता कि आखिर आए दिन लाखों का भंडारा, हाई-फाई प्रोफेशन, बड़े-बड़े कारोबार और प्रतिष्ठान के लिए अकूत संपत्तियां कहां से आई जो जांच का विषय है।
पहले क्या थे अब क्या हो गए प्रधान
वर्तमान समय में प्रधानों की माली हालत उनके प्रधान बनने से पहले क्या थी और आय का स्रोत क्या था 5 साल में प्रधानों के पास क्या-क्या संसाधन आए और उसका जरिया क्या था प्रधानों के व्यक्तिगत खातों से पहले कितनी जमा निकासी थी और प्रधान बनने के बाद अब तक क्या रही। लग्जरी गाड़ियां और जमीन खरीद कितनी हुई इन सब बिंदुओं को जांच के दायरे में शामिल किया जाना चाहिए। सूत्रों की माने तो 5 साल में अधिकतर प्रधानों की संपत्तियों में कई गुना इजाफा हुआ है इसका भी जरिया पता लगाया जाना चाहिए।
योजनाओं में मिली धनराशि के उपयोग की भी हो जांच
केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं में पंचायत को मिली धनराशि की भी जांच इस दायरे में शामिल होना चाहिए। विकास कार्य कितना हुआ, गुणवत्ता है कि नहीं और पंचायत के खातों से हुए लेनदेन का ब्योरा भी जुटाया जाना चाहिए। गांव की जनता कर रही है सवाल की अगर तथ्य सही पाए जाते हैं तो आय से अधिक और बेनामी संपत्ति वाले प्रधानों को आगामी पंचायत चुनाव लड़ने से भी वंचित किया जाना चाहिए।


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