जहां गौमाता का निवास होता है,वहां भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है – पाराशर
अपनी इंद्रियों का दमन कर ले वही सुदामा है
डीग 29 जुलाई – शहर के मेले मैदान स्थित एक निजि मैरिज होम में चल रही श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन व्यासपीठाधीश्वर आचार्य पंडित मुरारी लाल पाराशर ने कृष्ण सुदामा चरित्र लीला का वर्णन करते हुए कहा कि स्व दामा यस्य स: सुदामा’ अर्थात अपनी इंद्रियों का दमन कर ले वही सुदामा है। सुदामा की मित्रता भगवान के साथ नि:स्वार्थ थी, उन्होने कभी उनसे सुख साधन या आर्थिक लाभ प्राप्त करने की कामना नहीं की, लेकिन सुदामा की पत्नी द्वारा पोटली में भेजे गए, चावलों में भगवान श्री कृष्ण से सारी हकीकत कह दी और प्रभु ने बिन मांगे ही सुदामा को सब कुछ प्रदान कर दिया।
उन्होंने कहा श्री कृष्ण भक्त वत्सल हैं सभी के दिलों में विहार करते हैं जरूरत है तो सिर्फ शुद्ध ह्रदय से उन्हें पहचानने की।
पाराशर ने भागवत जी का अर्थ बताते हुए कहा कि बाल्यावस्था से लेकर मृत्यु तक वह सांसारिक गतिविधियों में ही लिप्त होकर इस अमूल्य जीवन को नश्वर बना देता है। श्रीमद् भागवत ऐसी कथा है जो जीवन के उद्देश्य एवं दिशा को दर्शाती है। इसलिए जहां भी भागवत होती है इसे सुनने मात्र से वहां का संपूर्ण क्षेत्र दुष्ट प्रवृत्तियों से खत्म होकर सकारात्मक उर्जा से सशक्त हो जाता है।
उन्होंने कहा कि यदि भागवत कृष्ण से भिन्न नहीं है, तो उसमें कृष्ण के सभी दिव्य गुण भी समाहित होने चाहिए। चूँकि कृष्ण शाश्वत हैं, भागवत भी शाश्वत है । “अनन्त” की सेवा अनन्त काल तक करनी चाहिए। श्रीमद्भागवत की ‘सेवा’ में पढ़ना और उसे आचरण में लाना दोनों शामिल हैं।
पाराशर ने बताया कि भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी किया गया है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद्भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं।श्रीमदभागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है।
इस अवसर पर राजू गोयल दोना पत्तल वाले,सार्थक गोयल, विशाल मामा वाले,मुकुल गोयल सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष भक्त उपस्थित थे। रिपोर्टर अमरदीप सैन डीग भरतपुर
फोटो कैप्सन- भागवत आचार्य पंडित मुरारी लाल पाराशर