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Winter Session of Parliament 2024: लोकसभा में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल पास, विपक्ष में उबाल

Winter Session of Parliament 2024: लोकसभा में ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल पास, विपक्ष में उबाल

Winter Session of Parliament 2024: लोकसभा और विधानसभा चुनाव एकसाथ कराने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक मंगलवार को लोकसभा में स्वीकार कर लिया गया। संविधान (129वां संशोधन) विधेयक, 2024 जिसे एक राष्ट्र-एक चुनाव विधेयक के रूप में जाना जाता है, इसे केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पेश किया। इसके साथ ही राज्यसभा में संविधान पर चर्चाहुई। लोकसभा में पेश हुआ वन नेशन-वन इलेक्शनबिल, विपक्ष में उबाल।

लोकसभा में आज ऐतिहासिक ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल को पेश किया गया। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस विधेयक को पेश करते हुए इसे ‘संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024’ नाम दिया। हालांकि, जैसे ही यह विधेयक सदन में पेश किया गया, विपक्षी दलों ने विरोध करना शुरू कर दिया।

विपक्ष ने जताया कड़ा विरोध

कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा), और तृणमूल कांग्रेस (TMC) समेत कई विपक्षी दल इस विधेयक के विरोध में उतर आए। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने लोकसभा में अपनी आपत्ति दर्ज करते हुए कहा, “मैं संविधान संशोधन बिल 129 का विरोध करता हूं। यह बिल संविधान की मूल संरचना पर प्रहार करता है और इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।”

समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेंद्र यादव ने भी बिल पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “यह विधेयक संविधान की मूल भावना को खत्म कर रहा है। जो लोग संविधान की बात करते हैं, वही आज उसके खिलाफ जा रहे हैं। यह सिर्फ लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है।”

टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “यह विधेयक राज्य विधानसभाओं की स्वायत्तता छीनने की कोशिश है। राज्य विधानसभाएं संसद के अधीन नहीं हैं। यह चुनाव सुधार नहीं है, बल्कि सिर्फ एक व्यक्ति की इच्छा पूरी करने के लिए लाया गया है।”

बिल के समर्थन में ये दल
विपक्ष के विरोध के बावजूद एनडीए में शामिल कई दल इस बिल के समर्थन में नजर आए। जेडीयू, टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस ने ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का समर्थन किया है। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने भी इस विधेयक के पक्ष में अपनी सहमति जताई।

क्या है वन नेशन-वन इलेक्शनबिल?
‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ का उद्देश्य देश में लोकसभा और विधानसभा चुनावों को एक साथ आयोजित करना है। इस पहल से चुनावी प्रक्रिया के खर्च को कम करने और प्रशासनिक कामकाज में बाधा को कम करने की बात कही गई है।

राजनीतिक माहौल गर्माया
विधेयक के लोकसभा में पेश होने से पहले ही राजनीतिक गलियारों में इसकी खूब चर्चा हो रही थी। केंद्रीय कैबिनेट ने इस बिल को अपनी मंजूरी दी थी। जहां एनडीए के कई घटक दल इस विधेयक का समर्थन कर रहे हैं, वहीं विपक्षी दल इसे संविधान के खिलाफ बताते हुए विरोध में खड़े हैं।

किसका समर्थन, किसका विरोध?

बिल के समर्थन में जहां जेडीयू, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस और बसपा जैसी पार्टियां खड़ी हैं, वहीं कांग्रेस, सपा, टीएमसी, आरजेडी और पीडीपी समेत कई दल इसका विरोध कर रहे हैं।

‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल के खिलाफ और पक्ष में खड़े राजनीतिक दलों की बयानबाजी ने संसद का माहौल गर्मा दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विधेयक भविष्य में देश की राजनीति को किस दिशा में ले जाता है।