तलवाड़ा|10 वर्षों की प्रतिक्षा के बाद ऐसा योग आया कि भगवान परशुराम की प्रतिमा निर्मित होकर शिल्पीकार नारायणलाल सोमपुरा के मूर्ति घर में 10 वर्षों से पड़ी हुई थी। अचानक ऐसा योग बना कि जो पूर्व में चिन्हित स्थान बताया गया था वहीं स्थापित होगी। मूर्वर्तनी एकादशी गुरुवार को गणेश मंदिर परिसर में अभिजीत मुहूर्त में गाजे बाजे ओर शंख ध्वनि के साथ पंडित निखलेश शुक्ला के आचार्यत्व में विधि विधान से गणेश पूजन के साथ किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ गो संत रघुवीरदास महाराज के सानिध्य में तथा वैष्णव समाज एवं गणेश विकास व्यवस्था समिति के नेतृत्व में गणेश पूजन ओर भूमि पूजन कर प्रतिमा को उचित स्थान पर लाकर रखा गया। इस अवसर पर वैष्णव समाज अध्यक्ष दिनेश त्रिवेदी, गणेश विकास व्यवस्था समिति अध्यक्ष अनिल सोनी, बृजमोहन त्रिवेदी, हरिवंश शरण, गजेन्द्र, सुरेश, नरेंद्र, ललित, सूर्यकांत, निरंजन, प्रमोद, नीतीश, कपिल, कृष्णलाल, आशीष, पंकज, कचरू भाई, विद्याधर आदि मौजूद थे। गौ संत रघुवीरदास महाराज का स्वागत चन्द्रशेखर त्रिवेदी ने तिलक व फूल माला पहना कर किया। परशुराम युवाओं ने उपस्थित सभी वैष्णव समाज के प्रतिनिधि का आभार व्यक्त किया।