ड्राइविंग लाइसेन्स एवं इंश्योरेंस प्रशिक्षण पर कार्यशाला


ड्राइविंग लाइसेन्स एवं इंश्योरेंस प्रशिक्षण पर कार्यशाला

सवाई माधोपुर 16 अक्टूबर। स्थानीय राजकीय कन्या महाविद्यालय, सवाई माधोपुर में महिला प्रकोष्ठ के अन्तर्गत आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा राजस्थान जयपुर द्वारा जारी राज्य महिला नीति – 2021 की अनुपालना में प्राचार्य डॉ. धीरेन्द्र सिंह की अध्यक्षता में ड्राइविंग लाइसेन्स एवं इंश्योरेंस प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. कमल बाई मीना ने बताया कि इस कार्यशाला में तीन सत्र आयोजित किए गए। प्रथम सत्र के मुख्य वक्ता डॉ. नन्दराम मीना ने छात्राओं को ड्राइविंग लाइसेन्स बनाने की प्रक्रिया एवं बिना लाइसेन्स के ड्राइविंग करने की शारीरिक और
ड्राइविंग करने की शारीरिक और आर्थिक क्षति के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि ड्राइविंग लाइसेन्स से पूर्व आपके पास लर्निंग ड्राइविंग लाइसेन्स होना जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने ड्राइविंग लाइसेन्स के लिए निर्धारित पात्रताओं की जानकारी दी।
द्वितीय सत्र में डॉ. प्रदीप कुमार मीना ने वाहन और व्यक्ति के संबंध में बीमा जागरूकता विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीमा की आवश्यकता, प्रकृति, महत्त्व एवं विभिन्न बीमा कम्पनियों की जानकारी दी। सभ्यता के विकास के साथ-साथ बीमा का महत्त्व भी बढ़ता जा रहा है। क्योंकि जोखिमों, दुर्घटनाओं एवं अनिश्चिताओं में वृद्धि होती जा रही है। ऐसी स्थिति में बीमा की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। बीमा हमारे लिए निम्न कारणों से महत्त्वपूर्ण है- जोखिमों से सुरक्षा, बीमित व इसके उत्तराधिकारियों की पूर्ण सुरक्षा, आय क्षमता का पूंजीकरण, साख सुविधाऐं, कार्य क्षमता में वृद्धि, मानसिक शांति, स्वावलम्बन को प्रोत्साहन, भविष्य की आवश्यकताओं का नियोजन एवं वृद्धावस्था में सहारा आदि पर प्रकाश डाला।
तृतीय सत्र में डॉ. आरती सिंह ने एस.एच.डब्लू.डब्लू. एक्ट – 2013 विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीडन उनकी गरिमा और मानवाधिकार का उल्लघंन है। यह एक बेहद एक चिन्तनीय विषय है। इनकी रोकथाम के लिए ही यह एक्ट अस्तित्व में आया। इस एक्ट के अनुसार शारीरिक सम्पर्क या उसका प्रयास करना, यौनिक शब्दों वाली भद्दी बातें, अश्लील शारीरिक इशारें और अपमान जनक व्यवहार आदि सभी कानून के घेरे में आते है। जिनके निवारण हेतु महाविद्यालय स्तर पर आन्तरिक शिकायत समिति बनी हुई है। इसके अतिरिक्त स्थानीय शिकायत समिति भी है जिसमें अपनी शिकायत दर्ज करवायी जा सकती है। इस एक्ट की सम्पूर्ण बारीकियों से छात्राओं को अवगत कराया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में डॉ. मनोज कुमार तोमर, डॉ. विजय सिंह मावई, डॉ. सियाराम मीना, डॉ. रवीन्द्र कुमार मीना, डॉ. सदफ सिद्दकी, श्रीमती भारती कुमारी मीना, डॉ. नन्दराम मीना, सुश्री भूमिका चैधरी, आशुतोष नामा, रामजीलाल वर्मा, आकाश वाल्मीकी आदि ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।


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