रातो-रात अमीर बनने के चक्कर में साइबर अपराध की दुनिया में फस रही है युवा पीढ़ी

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सवाई मधोपुर 23 अक्टूबर। वर्तमान समय में जिस प्रकार हम तेजी से डिजिटल दुनिया की ओर बढ़ रहे हैं एक ही जगह पर बैठकर इंटरनेट के जरिये लोगों की पहुंच विश्व के हर कोने तक आसान हुई हैै। जिस गति से तकनीक ने उन्नति की है एवं लोगों की इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ी है, ठीक उसी प्रकार से साइबर अपराध संख्या में वृद्वि हुई है। साइबर अपराध किसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस (कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाईल आदि) का उपयोग किसी के डेटा को चुराने या कंप्यूटर का उपयोग करके उन्हें नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने के साथ साइबर अपराध की कोई भौतिक सीमा नहीं है। यह एक अवैध गतिविधि है जिसमें चोरी से लेकर आपके सिस्टम या आईपी पते का उपयोग अपराध करने के लिए एक उपकरण के रूप में करने तक की कई समस्याएं शामिल हैं।
साइबर अपराध के प्रकार:- वर्तमान समय को देखते हुए साइबर अपराध कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। वित्तीय, गोपनीयता, हैकिंग और साइबर आतंकवाद। वित्तीय अपराध में वे उपयोगकर्ता या खाताधारकों के पैसे चुराते हैं। इसी तरह, वे कंपनियों का डेटा भी चुराते हैं जो वित्तीय अपराधों को जन्म दे सकता है। साथ ही उनके कारण लेन-देन में भारी जोखिम उठानी पड़ती है। हर साल हैकर्स व्यापारियों और सरकार के लाखों-करोड़ों रुपये चुरा लेते हैं। गोपनीयता अपराध में आपका निजी डेटा चुराना शामिल है जिसे आप दुनिया के साथ साझा नहीं करना चाहते हैं। इसके अलावा, इसके कारण लोगों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता है और कुछ लोग अपने डेटा के दुरुपयोग के कारण आत्महत्या भी कर लेते हैं। हैकिंग में जानबूझकर किसी वेबसाइट को नुकसान पहुँचाने या उसके मालिक को नुकसान पहुँचाने के लिए उसे ख़राब करते हैं। इसके अलावा, वे मौजूदा वेबसाइट को नष्ट कर देते हैं या उसमें बदलाव करके उसकी कीमत कम कर देते हैं।
देश व प्रदेश में साइबर अपराध:- वर्तमान समय में साइबर अपराध देश व पूरी दुनियां के लिए एक बड़ा गंभीर खतरा बनकर सामने आया है अपराधियों द्वारा हर रोज ठगने के लिए तैयार की जा रही नई-नई तकनीक लोगों के लिए परेशान का सबब बनती जा रही है। साइबर जबरन वसूली, पहचान की चोरी, क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, डिजिटल अरेस्ट, डेटिंग एप्स, ऑनलाईन ठगी, ब्लैमेलिंग, की घटना सहित बड़े पैमाने पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर लोग अपनी व्यक्तिगत जानकारियाँ साझा करते हैं, जिससे हैकर्स इन सोशल नेटवर्किंग एकाउंट्स को आसानी से हैक कर लेते हैं और फिर प्राप्त सूचना का दुरुपयोग करते हैं। लोगों को सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर हैकर्स ऑनलाइन ठगी का शिकार बना रहे हैं कई बार अपराधियों के ब्लैमेलिंग की वजह से लोग आत्महत्या तक कर लेते है। वर्तमान समय में ऑनाईलन सट्टा एवं गेंमिग एप्स के माध्यम से लोगों की गाड़ी कमाई को इन साइबर अपराधियों द्वारा लूटी जा रही है। साइबर अपराधी विभिन्न ऑनलाइन गेम्स के माध्यम से भी बच्चों को अपराध करने के लिये प्रोत्साहित करते हैं।
सवाई माधोपुर जिले में पैर पसार रहा है साइबर अपराध/गांव-गांव तक फैल रहा है टिंपिग और डबलिंग का ये अपराध:- इन दिनों सवाई मधोपुर जिले में साइबर ठगों का गिरोह सक्रिय होता जा रहा है लोगों को पैसे डबल करने और कई प्रकार के लालच देकर ऑनलाईन टेलीग्राम चैनलों एवं अन्य कई प्रकार से लोगों शिकार बना रहे है। ये गिरोह शहरी क्षेत्र से लेकर गांवो तक फैल गया है। कई स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा साइबर अपराधियों (टिप्पर,स्थानीय भाषा) पक्ष में गाने गाकर इनको एक तरह से बढ़वा दिया जा रहा है जो आने वाले समय में सामप्रदायिकता के लिए खतरा साबित हो सकता है। विगत समय में सवाई माधोपुर पुलिस ने ऑपरेशन ‘एन्टी वायरस‘ अभियान के तहत 55 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया जिनसे सैकड़ों की संख्या में फर्जी सिम कार्ड, मोबाईल फोन व चौपहिया वाहन, दुपहिया वाहन सहित एटीएम कार्ड एवं बैंक की पास बुक जब्त की गई है।
भारत इंटरनेट का तीसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता है। साइबर अपराध को फैलने से रोकने और लोगों के हितों की रक्षा के लिए सरकार ने साइबर अपराध से जुड़े कई कानून समय-समय पर बनाए गए हैं वहीं साइबर सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए भी सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए है। साइबर अपराध कोई ऐसी चीज़ नहीं है जिससे लोग खुद नहीं निपट सकते। लोग अपने विवेक और सरकार व साइबर से जुड़े विभागों द्वारा समय-समय पर जारी की जाने वाली एडवायजरी का उपयोग तर्क के साथ इस्तेमाल करके साइबर अपराधों को होने से रोक सकते हैं। अपनी शिकायत समय पर नजदीकी साइबर थाने में जाकर देने से साइबर अपराध से संबंधि घटनाओं से बचा जा सकता है। साइबर अपराध न केवल कानून का बल्कि मानवाधिकारों का भी उल्लंघन है।


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