पालिका की सफाई व्यवस्थाओं की खुली पोल

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दिनभर तेज धूप के बाद शाम को हुई झमाझम, पालिका की सफाई व्यवस्थाओं की खुली पोल

बयाना 06 मई। जेठ के महीने को भीषण गर्मी के महीने के रूप में पहचाना जाता है। शनिवार को जेठ के महीने के पहले दिन आसमान से दिनभर तेज धूप निकली तो वहीं शाम होने से पहले चार बजे बाद अचानक बिगडे मौसम के मिजाजों के चलते आई तेज व धूल भरी आंधी के पश्चात झमाझम बारिश हुई। जिससे बारिश का पानी नालीयों से उफन सडकों पर आ गया और नाले भी लबालब हो गए। जेठ के महीने के पहले दिन कई दिनों के ब्रेक के बाद फिर से बदले मौसम के मिजाज और सावन भादौ के महीने जैसी बारिश को देख आमजन सहित किसान भी असमंजस में पड गया है। बारिश के बाद कुछ समय सुहानी हवाऐं चली तो बाद में उमस भरी गर्मी पडी। इधर दिनभर बिजली की अघोषित कटौती के चलते भी लोग परेशान रहे।
सफाई व्यवस्था की खुली पोलः- बेमौसम की बारिश से बयाना कस्बे में नगरपालिका व कृषि उपज मंडी समिती की सार्वजनिक सफाई व्यवस्था की भी पोल खुल गई है। बयाना कस्बे में नगरपालिका के नियमित सफाई कर्मीयों के अलावा भी सफाई व्यवस्था ठेके पर भी दे रखा बताया। फिर भी काफी समय से सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। जिसका एक कारण सफाई कर्मीयों के रूप में गैर वाल्मिकी समाज के लोगों की भर्ती कर लेना भी बताया है। जो सफाई कार्य करने के बजाए अपनी नौकरी पूरी करने के लिए कुछ लोगों की खुशामद या हुजुरियत में लगे रहते है। कस्बे में सडकों को देखें तो जगह जगह कचरें के ढेर देखे जा सकते है। वहीं नाले और नालीयों की नियमित सफाई नही होने से वह अक्सर गंदगी व प्रतिबंधित पॉलिथीन एवं प्लास्टिक के कचरे से अटे पडे रहते है। जिससे उनका गंदा पानी सडकों पर आ जाता है। कस्बे के डांक बंगले के पास का नाला , कसाईपाडा नाला, कुंडा वाला नाला, कचहरी रोड व भगवती कॉलोनी का नाला एवं रानी बाग का नाला भी काफी लम्बे अरसे से सफाइ नही होने से कचरे से अटे पडे है। यां यू कहे कि वह कचरें के डंपिंग यार्ड बनकर रह गए है। ऐसा ही हाल कस्बे की सब्जी मंडी व अनाज मंडी का है। जहां की सफाई व्यवस्था कृषिउपज मंडी ने किसी को ठेके पर दी हुई है।


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