मतदाताओं की खामोशी ने बढ़ाई प्रत्याशियों की बेचैनी

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मतदाताओं की खामोशी ने बढ़ाई प्रत्याशियों की बेचैनी

प्रयागराज।नगर पंचायत शंकरगढ़ के चुनाव में वोटरो की खामोशी से इस बार प्रत्याशी खासे बेचैन है। उनकी खामोशी से चुनावी रुझान का आंकलन करना भी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के लिए मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद भी समर्थक पूरे दिन अपने पक्ष में अधिक वोट पाने का दावा करते नजर आ रहे हैं। इससे पहले चुनाव में बूथों के आसपास लगने वाले प्रत्याशियों के स्टाल ही बहुत कुछ बता देते थे। • जिस उम्मीदवार के स्टाल पर पर्ची बनवाने के लिए भीड़ अधिक लगती थी यह माना जाता था कि उस प्रत्याशियों की हवा तेज है। इसी भीड़ से ही किसका पलड़ा भारी है, अंदाजा लगाया जाता था। लेकिन इस बार वैसे नजारे कम ही देखने को मिले। बीएलओ द्वारा मतदाताओं की पर्चियां मतदाताओं के घर पहुंचा दी गई थी। कुछ प्रत्याशियों के समर्थकों ने अपनी पर्ची लोगों तक एक दिन पहले ही पहुंचा दी थी। नगर में आपस में एक दूसरे को बहुत कुरेदने के बाद भी वोटर खुल नहीं पा रहा है। लेकिन संकेतों में ही अपना जवाब दे रहे हैं। इस बार बूथ के बाहर खड़े लोगों में चर्चा का विषय था कि इस बार दो प्रत्याशियों के बीच ही कड़ी टक्कर हो रही है। हालांकि युवा वोटर दबी जुबान में जिसे वोट दिया है उसका नाम ले रहे थे। लेकिन ऐसे वोटरों की तादाद भी काफी कम रही। कोई सीधे तौर पर नाम लेना नहीं चाहता था। इसी बीच अगर उनके मन माफिक प्रत्याशी की चर्चा हो गई तो मुस्करा दे रहे थे। उधर, समय के साथ प्रत्याशियों की धड़कने भी तेज हो गई हैं। इस बार वोटरों की खामोशी के चलते प्रत्याशियों के कार्यकर्ता एवं नेता खासे बेचैन रहे। मतदान समाप्त होने के बाद अपने पक्ष में वोट का आंकलन भी शुरू हो गया। प्रमुख दलों का कोई भी प्रत्याशी और समर्थक अपने को कम नहीं आक रहा है। फिलहाल सभी प्रत्याशी गुणा भाग कर अपनी जीत पक्की मान रहे हैं। अब आने वाली 13 तारीख को ही पता चलेगा कि ऊंट किस करवट बैठता है।

राजदेव द्विवेदी


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