मौसमी बीमारीयों के चलते घर घर में लगे मरीजों के बिस्तर, अस्पताल हुए हाउसफुल

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मौसमी बीमारीयों के चलते घर घर में लगे मरीजों के बिस्तर, अस्पताल हुए हाउसफुल

बयाना 29 अगस्त कई दिनों से मौसम के बार बार पलटी मारने से मौसम में आ रहे बदलाव और गंदगी व मच्छरों के प्रकोप के चलते इन दिनों बयाना कस्बा सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी मौसमी बीमारीयोें का प्रकोप बना हुआ है। जिसके चलते वायरल बुखार, उल्टी दस्त, आदि के मरीज बढने लगे है और घर घर में मरीजों के बिस्तर लगे है। वहीं सरकारी व प्राईवेट सभी हॉस्पीटल हाउसफुल हो रहे है। बयाना उपखंड व कस्बे के सबसे बडे राजकीय हॉस्पीटल के रूप में स्थापित बयाना के राजकीय रैफरल अस्पताल में तो हालात यह है कि कई बार एक एक बैड पर दो दो तीन तीन मरीजों को भर्ती करना पड रहा है। अतिरिक्त वार्ड बनाए जाने के बावजूद भी बैड कम पड रहे है। राजकीय रैफरल हॉस्पीटल से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते एक पखवाडे में इस अस्पताल में नियमित रूप से आने वाले मरीजों की संख्या दो गुनी अर्थात 1500 मरीज प्रतिदिन तक पहुंच गई है। जिनमें से सैकडों की संख्या में मरीजों को भर्ती भी करना पड रहा हैं जानकारों की माने तो बयाना कस्बे में काफी समय से नगरपालिका के जिम्मेदार अधिकारीयों की मनमानी के चलते ठप्प पडी सफाई व्यवस्था के चलते तेजी से पनप रहे मच्छरों के कारण भी वायरल आदि बुखार तेेजी से फैल रहा है। घर घर में लगे मरीजों के बिस्तरों के चलते गांव गांव व गली मौहल्लों में जमे बैठे झोलाछाप डॉक्टरों व अवैध लैबों का धंधा भी चल पडा है। चिकित्सा प्रभारी अधिकारी डॉ.जोगेन्द्रसिंह व फिजिशियन डॉ.लखपतसिंह ने बताया कि इन दिनों मच्छरों व बीमारीयों के प्रकोप से बचने के लिए पैरों में बदन पर पूरे कपडे पहनने, साफ सफाई का विशेष ध्यान रखने और पाचक व पौष्टिक एवं ताजा भोजन लेने का विशेष ध्यान रखने का आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि इन दिनों मच्छर जनित डेंगू., मललेरिया, तेज बुखार, वायरल बुखार, आदि के मरीज काफी आ रहे है। कई बार इन मरीजों को उल्टी दस्त, चक्कर, पेशाब बंद होने, बेचेनी व बेहोशी आने की भी शिकायत हो जाती है। उन्होंने पीडित मरीजों को झाडफूक व झोलाछाप डॉक्टरों से बचकर निकट के अस्पताल के प्रशिक्षित चिकित्सकों से उपचार लेने व अपने स्वास्थ्य की जांच कराने की भी सलाह दी है। उन्होंने बताया कि इन दिनों महिलाऐं व बच्चे इन बीमारीयों से ज्यादा प्रभावित हो रहे है।


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