गढ़ कब्जाने को बसपा ने रचा चक्रव्यूह बीएसपी के फैसले से बिगड़ी एनडीए और इंडिया गठबंधन की चाल

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प्रयागराज। बहुजन समाज पार्टी ने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है बसपा के प्रत्याशी इस चुनाव में एनडीए और इंडिया दोनों की परेशानी बढ़ा रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दो चरणों पर मतदान हो चुका है और अन्य चरणों के लिए घमासान जारी है। ऐसे में इलाहाबाद 52 संसदीय सीट की लड़ाई बेहद दिलचस्प बनी हुई है इस बार बीएसपी चुनाव में अकेले ताल ठोक रही है। ऐसे में बसपा सुप्रीमो मायावती की रणनीति ने एनडीए हो या इंडिया गठबंधन दोनों की ही नींद उड़ा रखी है जिसकी वजह से लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है। लंबी प्रतीक्षा और राजनीतिक गलियारों में होते असमंजस के बीच बसपा ने इलाहाबाद लोकसभा संसदीय क्षेत्र से बारा विधानसभा क्षेत्र के जसरा कस्बा अंतर्गत चितौरी ग्राम निवासी रमेश सिंह पटेल पर भरोसा जताते हुए प्रत्याशी बनाया है। इंद्रपाल सिंह पटेल और अनारकली पटेल के पुत्र रमेश सिंह पटेल कुर्मी बिरादरी के हैं। उनकी शैक्षिक योग्यता हाई स्कूल है लेकिन लंबे अरसे से राजनीति में सक्रिय रमेश पटेल का यह पहला लोकसभा चुनाव है। कृषि सामाजिक राजनीतिक ठेकेदारी से जुड़े रहे रमेश पटेल बसपा की विचारधारा हैं। वह अखिल भारतीय कुर्मी महासभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। बसपा की ओर से उन्हें प्रत्याशी घोषित करने के बाद इलाहाबाद लोकसभा संसदीय क्षेत्र में लड़ाई त्रिकोणीय होने के कयास लगाए जा रहे हैं। क्योंकि यहां ब्राह्मण और ठाकुर मतदाताओं के अलावा पटेल, मौर्य, पाल ,अनुसूचित जाति बिरादरी के मतदाता भी अधिकता में है। ऐसे में भाजपा के प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी व इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी उज्जवल रमण सिंह के बीच रमेश पटेल भी अपनी धाक जमाने की सक्रियता बरत रहे हैं। रमेश पटेल के चुनावी मैदान में आ जाने से इंडिया गठबंधन को भारी नुकसान उठाने के आसार बन रहे हैं जहां पर बसपा उनके वोट बैंक में सीधे सेंधमारी करते नजर आ रही है। वहीं क्षेत्र के राजनीतिक गणितज्ञों का कहना है कि बसपा की सक्रियता से इंडिया गठबंधन का सियासी समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है जिसका सीधा फायदा भाजपा प्रत्याशी को मिलेगा। खैर यह तो आने वाला 25 मई का वक्त बताएगा कि कौन किस पर भारी पड़ता है लेकिन लड़ाई दिलचस्प और त्रिकोणीय हो चली है।


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