मां दुर्गा का गज पर आगमन और प्रस्थान शुभिता का संकेत


प्रयागराज। नवरात्रि में मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की सवारी के कई संकेत निकलते हैं। यूं तो देवी दुर्गा का वाहन शेर है लेकिन जब माता रानी धरती पर आती है तब उनका वाहन बदल जाता है।नवरात्रि की शुरुआत और समाप्ति के दिन के अनुसार माता का वाहन तय होता है। इस बार चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आगमन और हाथी पर ही प्रस्थान करेंगीं।पुराणों में नवरात्रि की माता दुर्गा के अलग-अलग वाहनों का वर्णन मिलता है।शेर के अलावा मां दुर्गा के अन्य वाहन भी हैं हाथी,घोड़ा,नाव, पालकी, भैंसा वा मनुष्य। मां दुर्गा के आगमन और प्रस्थान की सवारी लोगों के जीवन में शुभ व अशुभ का असर डालती है। देवी भागवत पुराण के मुताबिक देवी दुर्गा का हाथी पर आगमन अत्यंत शुभ माना जाता है हाथी वाहन धन-धान्य और सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।जब भी नवरात्रि का पहला दिन रविवार या सोमवार को पड़ता है तो देवी मां का वाहन हाथी रहता है। इस साल देवी मां जहां हाथी पर सवार होकर आएंगी वहीं प्रस्थान हाथी पर होगा।वही नवरात्रि यदि मंगलवार या शनिवार को शुरू होती है तो मां का वाहन घोड़ा होता है जो सत्ता परिवर्तन का संकेत देता है। गुरुवार या शुक्रवार से शुरू होने पर मां डोली पर बैठकर आती हैं जो रक्तपात ,तांडव ,जनधन हानि का संकेत बताता है। वहीं बुधवार के दिन नवरात्रि शुरुआत होने पर मां नाव पर सवार होकर आती हैं नाव पर सवार मां का आगमन शुभ माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के प्रस्थान की सवारी और उनके संकेत
चैत्र नवरात्रि का समापन अगर रविवार व सोमवार के दिन हो रहा है तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर जाती हैं जिसे शुभ माना जाता है। हाथी को सुख समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। कहा जाता है कि जब माता हाथी पर आती है तो देश में अच्छी बारिश होती है। जिससे फसलें बढ़ियां होती हैं और धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती है। माता का हाथी पर प्रस्थान भी शुभ माना जाता है जिससे देश में आर्थिक तरक्की और खुशहाली बनी रहती है। वहीं शनिवार और मंगलवार को नवरात्रि का समापन हो तो मां मुर्गा पर सवार होकर जाती हैं जो दुख और कष्ट की वृद्धि की ओर इशारा करता है। बुधवार और शुक्रवार को नवरात्रि समाप्ति होती है तो मां की वापसी हाथी पर होती है जो अधिक वर्षा की ओर संकेत करता है अगर नवरात्रि का समापन गुरुवार को हो रहा है तो मां मनुष्य के ऊपर सवार होकर जाती है जो सुख शांति वैभव वृद्धि की ओर इशारा करता है। इस साल नवरात्रि 8 दिन का होगा। हिंदू धर्म में चैत्र नवरात्रि बेहद ही खास मानी जाती है। साथ ही हर साल चैत्र नवरात्रि के साथ हिंदू नव वर्ष की भी शुरुआत होती है। इस बार यह 30 मार्च 2025 से शुरू हो रही है और 7 अप्रैल को समाप्ति होगी। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है खास बात यह है कि इस साल देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर अपने भक्तों से मिलने आ रही हैं और हाथी पर ही वापस जाएंगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता का हाथी पर आगमन और प्रस्थान बहुत शुभ माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च की शाम से शुरू हो गई और 30 मार्च दोपहर तक रही। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हो गई है। आपको बता दे की इस बार नवरात्रि 8 दिन की होगी। महा अष्टमी और दुर्गा अष्टमी व्रत 5 अप्रैल शनिवार को मनाया जाएगा। इसी दिन बटुक कुमारी पूजन का भी विधान है। अष्टमी व्रत का पारण 6 अप्रैल को सूर्योदय के बाद 5:48 बजे किया जाएगा। 9 दिन व्रत रखने वाले श्रद्धालु 7 अप्रैल को प्रातः 5:48 बजे के बाद पारण कर सकते हैं यह समय व्रत समाप्ति के लिए अत्यंत फलदाई रहेगा। 6 अप्रैल को सूर्योदय के साथ नवमी तिथि विद्यमान रहने से महानवमी रामनवमी और दुर्गा नवमी व्रत इस दिन रखा जाएगा इस दिन दुर्गा पाठ का समापन हवन की पूर्णाहुति दान दक्षिणा एवं देवताओं का विसर्जन किया जाएगा।और मूर्ति विसर्जन व कलश विसर्जन के साथ 7 अप्रैल सोमवार को माता का प्रस्थान होगा।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now